गहू की फसल में कल्लों (फुटवा) की संख्या बढ़ाने के वैज्ञानिक और व्यावहारिक तरीके
गहू की खेती में अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए कल्लों (कल्ले) की संख्या बढ़ाना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वीडियो में एक अनुभवी किसान और विशेषज्ञ द्वारा बताया गया है कि गेंहू में अधिक फुटाव पाने के लिए केवल बाजार से महंगी दवाएं लाना ही काफी नहीं है, बल्कि सही प्रबंधन की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पौधों में कल्लों की संख्या को कई गुना तक बढ़ाया जा सकता है, बशर्ते किसान कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखें।
बीज की मात्रा का सही चुनाव: पहला और महत्वपूर्ण कदम
वीडियो के अनुसार, गेंहू में कल्लों की कमी का सबसे मुख्य कारण बीज की अधिक मात्रा डालना है। किसान अक्सर प्रति बीघा १० से १२ किलो बीज बोते हैं, जिससे खेत में पौधों की भीड़ हो जाती है और कल्लों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलती। अच्छी किस्मों जैसे ‘श्रीराम ३०३’ या ‘DBW ३०३’ के लिए केवल ६ किलो प्रति बीघा (लगभग ३० किलो प्रति एकड़) बीज पर्याप्त है। कम बीज डालने से पौधों को हवा लगती है और वे जमीन से अधिक फुटाव करने में सक्षम होते हैं।
उचित उर्वरक प्रबंधन: यूरिया, जिंक और सल्फर का महत्व
यदि गेंहू बोने के बाद कल्लों की संख्या कम दिख रही है, तो विशेषज्ञों ने उर्वरक प्रबंधन पर जोर दिया है। पहली सिंचाई के समय नाइट्रोजन (यूरिया) के साथ जिंक और सल्फर का मिश्रण देना बहुत लाभदायक होता है। ५ किलो जिंक और ३ किलो सल्फर प्रति एकड़ की दर से एक बैग यूरिया के साथ मिलाकर छिड़काव करने से पौधे का पीलापन दूर होता है और क्लोरोफिल बनने की प्रक्रिया तेज होती है। भारी मिट्टी वाले खेतों में यह खाद पानी लगाने से पहले डालना अधिक प्रभावी होता है।
महंगे उत्पादों और माइकोराइजा से बचने की सलाह
अक्सर दुकानदार किसानों को माइकोराइजा, ह्यूमिक एसिड या अन्य महंगे उत्पाद बेचने की कोशिश करते हैं। इस वीडियो में विशेषज्ञ किसान ने स्पष्ट किया है कि गेंहू की फसल में इन महंगी चीजों की विशेष आवश्यकता नहीं होती है। ये उत्पाद किसान की लागत बढ़ाते हैं लेकिन उसके अनुपात में पैदावार में बहुत ज्यादा फर्क नहीं डालते। किसान को अपनी लागत और मुनाफे का संतुलन बनाए रखने के लिए केवल मुख्य पोषक तत्वों और समय पर प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए।
बढ़वार को रोककर फुटाव बढ़ाने का अनूठा तरीका
एक बहुत ही सरल और व्यावहारिक तरीका यह बताया गया है कि यदि गेंहू ऊपर की तरफ तेजी से भाग रहा है लेकिन नीचे से फुटाव नहीं कर रहा, तो हल्की खरपतवार नाशक दवा (जैसे 2,4-D या Affinity) का बहुत ही हल्का छिड़काव किया जा सकता है। इससे गेंहू की ऊपरी बढ़वार थोड़े समय के लिए रुक जाती है, जिससे पौधे की सारी ऊर्जा जड़ों के विकास और नए कल्ले निकालने में लग जाती है। यह तरीका उन खेतों के लिए बहुत कारगर है जहां केवल गेंहू की लंबाई बढ़ रही होती है।
निष्कर्ष: समय पर प्रबंधन ही अच्छी पैदावार की कुंजी
अंत में, गेंहू की फसल में अधिक कल्ले पाना कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन सभी कल्लों में अच्छी बाली आना महत्वपूर्ण है। गेंहू के पीलापन को दूर करने के लिए जिंक और सल्फर सबसे मुख्य तत्व हैं। किसानों को घबराने के बजाय अपनी फसल को उचित समय देना चाहिए और सही अंतराल पर खाद-पानी का प्रबंधन करना चाहिए। यदि किसान बीज की सही मात्रा और प्राथमिक पोषक तत्वों का ध्यान रखते हैं, तो वे निश्चित रूप से गेंहू का रिकॉर्ड उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।